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अभ्यास मंडल ने कृष्णपुरा घाट पर मोमबत्तियां जलाकर मनाया दीपोत्सव

सभी कार्यकर्ताओं ने मास्क लगाकर और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ जलाई मोमबत्तियां
इंदौर।पिछले कुछ वर्षों से अभ्यास मंडल कृष्णपुरा घाट छत्री पर दीपोत्सव पर दिये और मोमबत्ती जलाकर शासन, प्रशासन, आईडीए सहित विभिन्न नोडल एजेंसीयो और प्रबुद्ध नागरिकों का ध्यान इस ओर आकृष्ट करता है कि कभी कल- कल बहने वाली कान्ह- सरस्वती नदी का पानी आज इतना प्रदूषित क्यों हो गया? और उसे स्वच्छ करने के लिए बड़े प्रयासों की आवश्यकता है।
इसी को ध्यान में रख अभ्यास मंडल ने कोरोना काल में भी कृष्णपुरा घाट पर दीपोत्सव की परंपरा को बरकरार रख सामाजिक सरोकारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखा ।रविवार शाम 6 बजे अभ्यास मंडल के कार्यकर्ताओं ने पहले कृष्णपुरा घाट की अच्छे से सफाई की, सुंदर रांगोली बनाई ।इस कार्य में रामबाग स्पोर्ट्स क्लब के चन्दर लोट का विशेष सहयोग रहा।
कार्यक्रम स्थल को सेनेटाइज़ किया गया।सभी कार्यकर्ताओं ने मुंह पर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मोमबत्तियां जलाई तो आस- पास का वातावरण प्रकाशित होने से कान्ह – सरस्वती नदी में बहता जल भी स्वच्छ दिखने लगा।
इस मौके पर श्री अशोक कोठारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने इंदौर को स्मार्ट सिटी में शामिल किया और गंगा शुद्धि अभियान के तरह कान्ह नदी को भी स्वच्छ करने का बीड़ा उठाया और नगर निगम प्रशासन इंदौर ने नाला टेपिंग के तहत इस कार्य को तेज गति से किया। यह हम सबके लिए प्रेरक है।किसी भी शहर की तासीर वहा की नदी में बहने वाले जल से होती है। आशा करे की एक दिन कान्ह – सरस्वती नदी का पानी भी एक दम साफ़ – सुथरा होकर कल- कल करता हुआ बहेगा।
पर्यावरणविद् डॉ. ओ. पी. जोशी ने कहा कि कान्ह – सरस्वती नदी कि सफाई वैज्ञानिक और योजनाबद्ध तरीके से होगी,तो इससे हमारा पर्यावरण भी सुधरेगा और नदी के किनारे बसे लोग स्वच्छ हवा ले सकेंगे।शेखर किबे ने कहा कि अभ्यास मंडल जो कार्य हाथ में लेता है उसे पूरा करा कर ही रहता है।कान्ह- सरस्वती नदी शहर के बीचोबीच में बहती है, अतः इसकी चिंता करना हम सबका धरम है।
अभ्यास मंडल के अध्यक्ष रामेश्वर गुप्ता ने कहा कि इंदौर में 40 वर्ष पूर्व नर्मदा को लाने के लिए अभ्यास मंडल ने 49 दिनों तक लगातार शांतिपूर्ण आंदोलन चलाकर शहर को नर्मदा का पानी दिलाया।अभ्यास मंडल इसी तरह के नागरिक बोध के कार्यक्रम सतत् करता आ रहा है।
नेताजी मोहिते ने कहा कि अभ्यास मंडल संवाद के साथ शहर की योजना में सार्थक काम करने के लिए सदैव तत्पर रहता है।जब कान्ह – सरस्वती नदी का विषय आया तो संस्था के पुराने वरिष्ठों ने बताया कि एक समय इसमें कल – कल पानी बहता था ,लोग स्विमिंग करते थे, आसपास खेल मैदान अखाड़े थे, जिसमे इसके पानी का उपयोग होता था ।
इसके बाद अभ्यास मंडल ने कान्ह- सरस्वती नदी सफाई हेतु जनजागरण अभियान चलाया।40 साथियों ने इस घाट की सफाई की ।2 साल तक हर इतवार को सुबह 9 से 11 दो घंटे तक अलग – अलग घाटों पर सफाई कार्य चलता रहा।धीरे – धीरे कारवां बढ़ता गया और सैकड़ों लोग इससे जुड़ गए ।उन्होंने आगे कहा कि नदी में हम गंदगी नहीं डाले और दूसरो को भी इसके लिए प्रेरित करते रहे।
पं. मनमोहन प्रसाद शर्मा ने कान्ह – सरस्वती नदी स्वछता अभियान को एक पुण्य कार्य बताया। कार्यक्रम का संचालन वैशाली खरे ने किया अंत में आभार माना रामेश्वर गुप्ता ने।कार्यक्रम में दीप्ती गौर,किशोर गंधे ,सूर्यकांत बारगल,खुर्शीद मंसूरी ,आंनद जैन,रवि अत्रोलिया, फरजान निजाम,बुरहानुद्दीन शकूरवाला, सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।